Thursday, January 16, 2020

Wednesday, January 15, 2020

कोई नया मुसाफ़िर

कि चलो इश्क की चादर ओढ़ कर  सोया जाये  
फिर कोई नया  मुसाफ़िर ढूंडा ज़ाये  
कि हो चुका हूँ इश्क में बदनाम इस कदर  
कि अब वक़्त की गर्दिश में कोई नया  नाम  जोड़ा जाये
                                ......रोहित राज रंजन.............

आज नहीं तो कल होगा

हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा माना कि है अंधेरा बहुत और चारों ओर नाकामी माना कि थक के टूट रहे और सफर अभी  दुरगामी है जीवन ...