कि चलो इश्क की चादर ओढ़ कर सोया जाये
फिर कोई नया मुसाफ़िर ढूंडा ज़ाये
कि हो चुका हूँ इश्क में बदनाम इस कदर
कि अब वक़्त की गर्दिश में कोई नया नाम जोड़ा जाये
......रोहित राज रंजन.............
फिर कोई नया मुसाफ़िर ढूंडा ज़ाये
कि हो चुका हूँ इश्क में बदनाम इस कदर
कि अब वक़्त की गर्दिश में कोई नया नाम जोड़ा जाये
......रोहित राज रंजन.............

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