Monday, September 19, 2022

आज नहीं तो कल होगा

हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा
माना कि है अंधेरा बहुत और चारों ओर नाकामी
माना कि थक के टूट रहे और सफर अभी  दुरगामी है
जीवन की आपाधापी में,जीने का ठिकाना छूट गया
माना कि हिम्मत टूट गई आंखों में निराशा छायी है
माना कि चांद पे ग्रहण है और रात भी गहराई है
पर कृष्ण ने साफ कहा है कि बस कर्म  तुम्हारा कल होगा
और  कर्म में अगर सच्चाई है तो कर्म कहां निष्फल  होगा
हर एक संकट का हल होगा आज नहीं तो कल होगा
लोहा जितना तपता है, उतनी ही ताकत भरता है
सोने को जितनी आग लगे वो उतना प्रखर निकलता है
हीरे पर जितनी धार लगे वो उतना खूब चमकता है
मिट्टी का बर्तन पकता है,तब धुन पर खूब खनकता है
सूरज जैसा बनना है तो, सूरज इतना जलना होगा
नदियों का आदर पाना है तो पर्वत छोर निकलना होगा
और हम आदम के बेटे हैं क्यों सोचे राह सरल होगा
कुछ ज्यादा वक्त लगेगा पर संघर्ष जरुर सफल होगा
हर एक संकट का हल होगा वो आज नहीं तो कल होगा..

गिर जाना मेरा अंत नहीं

"की मुखरे पर धूल लगी माना,
माथा फूटा माना लेकिन
गालों पर थप्पड़ खाये है
जबरा टूटा माना लेकिन
माना की साँसें उखड़ रही
और धक्का लगता धड़कन से,
लो मान लिया की कांप गया
पूर्ण बदन अंतरमन से
पर आँखों से अंगारे मै नथुनो से तूफा लाऊंगा
मैं गिर गिर कर भी धरती पर हर बार खड़ा हो जाऊँगा

मुठ्ठी में भींच लिया तारा तुम नगर में ढोल पिटा दो जी
की अँधेरे हो लाख घने पर अँधेरे अनंत नहीं
गिर जाना मेरा अंत नहीं "

आज नहीं तो कल होगा

हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा माना कि है अंधेरा बहुत और चारों ओर नाकामी माना कि थक के टूट रहे और सफर अभी  दुरगामी है जीवन ...