मैं जब चलूँ तो ये दौलत भी साथ रख देना
मेरे बुज़ुर्ग मेरे सर पे हाथ रख देना
ढलेगा दिन तो सुलगने लगेगा दिल मेरा
मुझे भी घर के चरागों के साथ रख देना
ये आने वाले ज़मानों के काम आएंगे
कहीं छुपा के मेरे तजुर्बात रख देना
अँधेरी रात के गुमराह जुगनुओं के लिए
उदास धुप की टहनी पे रात रख देना
मैं एक सच हूँ अगर सुन सको तो सुनते रहो
गलत कहूं तो मेरे मुंह पे हाथ रख देना
#raahat
मेरे बुज़ुर्ग मेरे सर पे हाथ रख देना
ढलेगा दिन तो सुलगने लगेगा दिल मेरा
मुझे भी घर के चरागों के साथ रख देना
ये आने वाले ज़मानों के काम आएंगे
कहीं छुपा के मेरे तजुर्बात रख देना
अँधेरी रात के गुमराह जुगनुओं के लिए
उदास धुप की टहनी पे रात रख देना
मैं एक सच हूँ अगर सुन सको तो सुनते रहो
गलत कहूं तो मेरे मुंह पे हाथ रख देना
#raahat