Wednesday, September 9, 2015

कर लो ज़िक्र जब तक ज़िंदा हूँ,
फिर न कहना पागल दिल में यादें छोड़ कर चला गया।।

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आज नहीं तो कल होगा

हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा माना कि है अंधेरा बहुत और चारों ओर नाकामी माना कि थक के टूट रहे और सफर अभी  दुरगामी है जीवन ...