Tuesday, November 21, 2017

सुना है बहुत मशहूर हो तुम

सुना है बहुत मशहूर हो तुम दिल बहलाने में
कभी तशरीफ लाओ हमारे गरीबखाने में।
यहाँ मंदिर में आरती 
मस्जिद से अजां की अवाजें आती हैं
मज़हब के नाम पर तलवारें तन जाती हैं।
मर चुकी है इन्सानियत जिन्दा इन इन्सानों में 
है दामन सबका मटमैला फिर भी
गर्व महसूस करते हैं खुद का धर्म बताने में।
कोशिश करके देख लो तुम भी
शायद ये गले लग मिल जाएं
हम भी कसर न छोड़ेंगे अब तुमको अजमाने में।
सुना है बहुत मशहूर हो तुम दिल बहलाने में
कभी तशरीफ लाओ हमारे गरीबखाने में

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