Friday, April 13, 2018

फिर भी बच्चा बन जाना चाहता है


वो नंगे पैर भागना चाहता है
वो सिरहाने में सपने दबा कर सो जाना चाहता है
वो खिलखिला कर हंसना चाहता है, कभी वो मायूसी में रोना चाहता है
आज वो दोबारा बच्चा बन जाना चाहता है
वो बिस्तर में उछलकूद मचाना चाहता है
वो मां के आंचल में छिप जाना चाहता है
बड़ी मुश्किल से तो वो बड़ा हुआ है
फिर भी बच्चा बन जाना चाहता है

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